राशिफल (दैनिक) सौ प्रतिशत झूठ होता है ! आखिर कहाँ हैं इसके प्रमाण ? ऐसे राशिफलों पर रोक लगाई जाए !ये ज्योतिष नहीं हैं !!

टीवी चैनलों एवं अखवारों में बताया जाने वाला दैनिक राशिफल सौ प्रतिशत झूठ होता है !फिर भी मीडिया और झोलाछाप ज्योतिषियों की साँठ गाँठ से गढ़ा जाता है यह दैनिक राशिफल नामक झूठ ! क्योंकि कहीं भी नहीं मिलते हैं इसके शास्त्रीय प्रमाण ?आप स्वयं समझिए - 
       राशिफली ज्योतिषी कभी भी कुछ भी बकने लगते हैं जिसका सच्चाई से दूर दूर तक कोई सम्बन्ध ही नहीं होता है ! इन मीडियायी ज्योतिषियों का बताया गया राशिफल ,ग्रहों की खराबी एवं उन्हें ठीक करने के उपाय तथा अन्य सभी प्रकार की धर्म कर्म चर्चाएँ कथा कहानियाँ मंत्र तंत्र नग नगीने मणियाँ कवच कुण्डल यंत्र आदि के विषय में इनके द्वारा की या बताई गई बातें शत प्रतिशत मनगढंत काल्पनिक अशास्त्रीय एवं अविश्वसनीय होती हैं यहाँ तक कि इनके द्वारा बोले गए मंत्रों का अधिकांश उच्चारण अशुद्ध होता है वैसे वो मंत्र यंत्र सब इनके अपने बनाए हुए प्रोडक्ट होते हैं इसलिए वो सच होंगे इसकी आशा ही क्यों करनी !
  अब बात राशिफल की -राशिफल(दैनिक) कहीं मीडिया और झोलाछाप ज्योतिषियों की साँठ गाँठ से गढ़ा गया झूठ का पुलिंदा ही तो नहीं है !आखिर कहाँ हैं ऐसे राशिफल के शास्त्रीय प्रमाण ?                                    

                                          राशिफल(दैनिक )  सच होता है या झूठ ?
    बंधुओ !ज्योतिष में प्रतिदिन जब कोई ग्रह नहीं बदलता तो प्रतिदिन राशिफल कैसे बदल जाता है ?
  बंधुओ! जो राशिफल आप रोज बड़ी श्रद्धा से यह समझकर सुनते पढ़ते हैं कि  ये ज्योतिष शास्त्र से प्रमाणित है इसलिए सच होगा ही किंतु यदि आपको यह पता लगे कि तरह तरह से आपको प्रतिदिन बताए जाने वाले दैनिक राशिफल के प्रमाण ही ज्योतिष में नहीं मिलते हैं ये तो केवल आपके मनोरंजन मात्र के लिए कल्पना करके लिखा या बताया या आपको सुनाया पढ़ाया जाता है तो कैसा लगेगा  आपको ?   
   कोई कुशल शराबी शराब पीकर जितने फर्राटे से गालियाँ  नहीं दे सकता उससे जल्दी रोज राशिफल बकने वाले लोग बक देते हैं आखिर कैसे ? क्या इसके प्रमाण भी हैं कहीं जानिए आप भी ? क्या आपका भाग्य बताना इतना मजाक है ? या उन्हें रोज का राशिफल याद होता है ?बंधुओ !कहीं ज्योतिषीय राशिफल के नाम पर बेझिझक कल्पित झूठ ही तो नहीं बका जा रहा है  अखवारों और टी.वी.चैनलों पर  रोज !आखिर ज्योतिष शास्त्र में क्या हैं इसके प्रमाण !और यदि हैं तो वे राशिफल के साथ ही क्यों न प्रस्तुत किए जाएँ !और बिना शास्त्रीय प्रमाणों के दैनिक राशिफल को सच कैसे  मान लिया जाए?
    बंधुओ!मुझे पता था कि दैनिक राशिफल के आधारभूत सक्षम प्रमाण ज्योतिष शास्त्र में नहीं हैं तो हमारे संस्थान ने कई टीवी चैनलों अखवारों और राशिफली लोगों को पत्र लिखे कि आपके बताए हुए राशिफल का आधार ज्योतिष में आखिर क्या होता है तो न कहीं से किसी का कोई जवाब आया और न ही किसी ने प्रमाण प्रस्तुत किए !बंधुओ ! आइए अब हम लोग स्वयं समझते हैं कि वास्तव में गड़बड़ी है कहाँ ?-
    सूर्य एक राशि एक महीने में बदलता है ,चंद्रमा सवा दो दिन में ,मंगल लगभग 45 दिनों में,बुध शुक्र लगभग एकमहीने में ,गुरु 13 महीनों में राहु केतु 18 महीनों में एवं शनि 30 महीने में बदलता है अपनी राशि फिर राशिफल रोज कैसे बदल सकता है यदि ये भी मान लिया जाए कि चंद्रमा सवा दो दिनों में राशि बदलता इसलिए बदल जाता होगा राशिफल किंतु वो भी तो सवा दो दिनों बाद बदलना चाहिए यहाँ एक बात और ध्यान रखनी होगी कि यदि केवल चन्द्रमा के आधार पर यूँ ही बदला  जाता रहा राशिफल तो बाकी ग्रहों की उपेक्षा कैसे की जा सकती है इसलिए महीने  भर से कम का राशिफल बिलकुल बकवास है इससे अधिक कुछ नहीं और इसके आधार पर बताए जा रहे कोयला कंकरों कौवे कुत्तों के उपाय तो बिलकुल हास्यास्पद हैं ही , ज्योतिष शास्त्र में ऐसी बकवास कहीं नहीं मिलती है ऐसे उपाय और दैनिक राशिफल उन लोगों के झोला छाप और फर्जी ज्योतिषी होने के मजबूत प्रमाण माने जाने चाहिए अन्यथा उन्हें अपनी कल्पित तथ्यहीन बातों को शास्त्र से प्रमाणित करना चाहिए !ऐसे पाखंडों का खंडन करने के लिए किसी भी मंच पर खुली चर्चा के लिए तैयार होना हमारी मजबूरी है क्योंकि ज्योतिष सम्बन्धी हमारी जिस बात को हम ज्योतिष से ही नहीं प्रमाणित कर सकते उसे ज्योतिष कैसे माना जा सकता है !आजकल लोग करवा चौथ जैसे पर्वों में राशियों के हिसाब से साड़ियों के कलर तक बताने लगे हैं दीवाली में पूजा भी राशियों के हिसाब से बताने लगे हैं आश्चर्य है झूठ बोलने की भी कोई तो सीमा होनी ही चाहिए ! 

        इसे  बिडंबना ही कहा जाएगा कि कुछ लोगों के द्वारा ज्योतिष शास्त्र को आज जुएँ या मनोरंजन की तरह प्रयोग किया जा रहा है वास्तु शास्त्र के नाम पर वास्तु कला का प्रचार-प्रसार हो रहा है कुछ लोग राजनैतिक तथा खेलों के विषय में तथ्यहीन, सार हीन, आधारहीन ज्योतिष  शास्त्र के विमुख बेतुका भविष्य  भाषण कर रहे हैं। ऐसे निरंकुश  लोगों को सरकार और कानून का बिल्कुल भय नहीं है। सही हो या नहीं सुनने में केवल अच्छा लगे। मीडिया के सभी माध्यमों समेत टेलीवीजनों पर रोज राशिफल बताया जा रहा है दिन में कई-कई बार बताया जा रहा है कई-कई लोगों के द्वारा बताया जा रहा है।सब अलग-अलग बकते बयाते  हैं।कई लोग तो एक ही दिन में एक ही राशि और एक ही दिन के विषय में अलग अलग चैनलों पर कई बार एक दूसरे के बिलकुल बिपरीत बोलते हैं जबकि ज्योतिष तो गणित है उसमें इतना अंतर कैसे हो सकता है!क्या है आधार इस राशिफली बकवास का?है कोई पूछने वाला कि जब ग्रह रोज नहीं बदलते तो राशि  फल प्रतिदिन कैसे बदल जाता है? आजकल ऐसे ड्रामे हर तिथि त्यौहार में शुरू कर दिए जाते हैं लोग कुछ नहीं तो राशिफल ही लेकर बैठ जाते हैं ऐसे झूठ ने ज्योतिष शास्त्र का बहुत बड़ा नुक्सान किया है!इन्हीं लोगों की कृपा से आज अदने से लोग कहीं भी बेधड़क होकर बोल देते हैं कि ज्योतिष झूठ है अंधविश्वास पाखण्ड है आदि आदि ! आखिर ऐसी बातें उन  लोगों को बुरी क्यों नहीं लगनी चाहिए जो अपने पूर्वजों की विद्या ज्योतिष पर गर्व करते हैं !

    एक बात और है कि संसार में एक ही  राशि  के बहुत लोग होते हैं। उन सब पर इस तथाकथित एक जैसे राशिफल की प्रवृत्ति कैसे होती है? एक और बात है कि एक आदमी के कई-कई नाम होते हैं किस नाम का राशिफल उस पर घटित होगा?जन्मराशि  मानी जाएगी या नामराशि या कौन सी नाम राशि आदि भ्रामक प्रश्नों  के उत्तर समाज     को    मिलने ही    चाहिए। इसमें विशेष बात एक और है कि प्रतिदिन बिना  पूछे टी.वी. पर राशिफली बकवास करने वालों के विरुद्ध कानूनी शक्ती होनी चाहिए क्योंकि कई बार व्यक्ति किसी काम के लिए जा रहा होता है अचानक राशिफल कानों में पड़ा कि आज आपके काम नहीं बनेंगे सुनते ही वो नरबस हो जाता हैऔर अपना कार्यक्रम कैंशिल कर देताहै।                                                                                                        राष्ट्रपति,  प्रधानमन्त्री, मुख्यमन्त्री, केन्द्रीय मन्त्री, राज्यमन्त्री, सांसद, विधायक, प्रशासनिक अधिकारी, बड़े व्यापारी, धनी आदि लोकप्रतिष्ठा राज योग कारक ग्रहों के होने से मिलती है। किस राजयोग कारक ग्रह के होने से मिलती है। कौन राजयोग किस लायक है किससे प्रधानमन्त्री और किससे विधायक बना जा सकता है किस राजयोग में विपक्ष का नेता बना जा सकता है। आदि प्रश्नों  के उत्तर देना कठिन ही नहीं असम्भव भी है। कहना आसान है कि सबके राजयोग अलग-अलग होते हैं कितने भेद करेंगे आप? इसी प्रकार मौसम या खेलों के सम्बन्ध में की गई भविष्यवाणी भी  कोरी बकवास के अलावा कुछ भी नहीं है।

   कोई क्रिस्टल से ,कोई कपड़े देखकर ,कोई बाल देखकर ,कोई हस्तरेखा देखने का ड्रामा करते हैं ,कोई कोई तो केवल आवाज सुनकर,कुछ ध्यान करके सबकुछ बताने का नाटक करते हैं ।इन बातों का ज्योतिष शास्त्र से कोई सम्बन्ध नहीं है । 

     एक दिन ध्यान करके तीन जन्मों हाल बताने वाले कलियुगी ज्योतिषी टी .वी .पर इसी तरह का ज्योतिष जुआँ खेल रहे थे।किसी ने काल किया तो उन्होंने कालर से पूछा कि तुमने पीले रंग का सूट पहन रखा है तो उसने नीले  रंग की साड़ी  पहनने की बात कही इस प्रकार चार बातें पूछीं संयोग से चारों बातें गलत हो गईं ।कोई शर्मदार होता तो इसके बाद चुप  हो जाता किन्तु वे ठहरे ज्योतिष जुआँरी  उन्होंने न केवल भविष्य में सब कुछ ठीक होने की बात कही अपितु अपने यहाँ से एक अँगूठी भी मँगवाने को कहा।

      ये ज्योतिष का  जुआँ  खेलना ठीक लक्षण नहीं हैं इस शास्त्रीय संपत्ति की गरिमा बचाए रखने के लिए ही ऐसी विषम परिस्थितियों  में धर्म का ही एकमात्र सहारा बचता है वो भी इन पापी पाखंडियों के द्वारा आज दूषित किया जा रहा है अब भविष्य जानने के लिए समाज किसकी ओर देखे ?

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