योग्य ज्योतिषी को अपना शुभ चिंतक बनावें और सम्मिलित करें अपने लाभ हानि में !

     डिग्री प्रमाण पत्रों के आधार पर योग्य चिकित्सक खोज लेने वाले लोग योग्य ज्योतिषी भी खोज सकते हैं !     ज्योतिष विज्ञान है ये बात सौ प्रतिशत सच है किंतु जिसे आप ज्योतिषी मान बैठे हो वो ज्योतिष विद्वान है भी या नहीं ये परखना आपकी अपनी जिम्मेदारी है !अक्सर गलती यहीं होती है !जिस प्रकार योग्य डिग्री होल्डर चिकित्सक खोजा जा सकता है तो योग्य ज्योतिषी क्यों नहीं !
    जिस प्रकार से मोची से हार्टसर्जरी कराकर असफल होने पर हार्टसर्जरी या हार्टसर्जन को  गलत मान लेना भारी भूल है उसी प्रकार से झोला छाप ज्योतिषियों को अपना ज्योतिषी बना लेना और उनके षड्यंत्रों में फँसने के बाद ज्योतिष को गाली देने लगना किसी योग्य व्यक्ति से ऐसी अपेक्षा नहीं की जा सकती है ! 
     समाज में 99 प्रतिशत अनपढ़ ज्योतिषी हैं जिन्हें जहाँ तक जितना समझ में आया लुक छिप कर पढ़ लिया और अपने को ज्योतिषी घोषित कर दिया !वो गलत नहीं हैं कुछ न पढ़ने से कुछ तो पढ़ा किंतु वो ज्योतिष विद्वान नहीं हैं हमें इस बात का ध्यान अवश्य रखना चाहिए क्योंकि यदि उनमें योग्यता ही होती तो सरकार के किसी विश्वविद्यालय के ज्योतिष डिपार्टमेंट से पाठ्यक्रम पूर्वक पढ़कर डिग्री ले लेते उसमें क्या आपत्ति होती उन्हें !किंतु केवल झूठे बड़े बड़े दावे करके अपने के ज्योतिषी सिद्ध करना समाजहित  में नहीं है सरकार को ऐसे लोगों पर शक्त कार्यवाही करनी चाहिए अन्यथा ये आज ज्योतिषी बने फिरते हैं कल को सर्जन बन जाएँगे और लोगों के आपरेशन करने लगेंगे !इसलिए ऐसी शॉर्टकट पद्धतियों पर विराम लगाए सरकार !
     ऐसे स्वयंभू ज्योतिषी लोग समाज की जिंदगियों परिवारों से खिलवाड़ करते जा रहे हैं !पति पत्नी के संबंधों में दरारें डाल रहे हैं !तरह तरह के बहम डालकर लोगों लोगों को मनोरोगी बनाते जा रहे हैं | 
   झूठे लोग अपने को ज्योतिषी सिद्ध करने के लिए तरह तरह के नाटक कर रहे हैं ज्योतिषसभाओं  सम्मलेनों का क्या औचित्य है ?यही न कि किसी पापुलर नेता को बुलाकर उसके मुख से अपने को ज्योतिषी कहला लिया जाएगा बस वही अखवार में छपवा कर क्लाइंटों को कटिंग दिखाते रहेंगे कि इतने बड़े ज्योतिषी हैं !अरे नेता खूटों के हाथ सेकोई प्रमाणपत्र ले लेने से अखवारों में अपना नाम छपवा लेने से कोई ज्योतिषी हो जाएगा क्या ?
   अपने को ज्योतिषी सिद्ध करने के लिए ऐसे लोग वो सब कुछ करते हैं जो जो कुछ किया जा सकता हो !किंतु ऐसे आडंबरों में कभी कोई पढ़ा लिखा ज्योतिष विद्वान् जाने की इच्छा ही नहीं रखता !भेड़ें झुण्ड में रहती हैं शेर..... !इसलिए चिकित्सकों की तरह ही ज्योतिषियों को भी कसौटी ज्योतिष एजूकेशन की कसौटी पर कसिए तब आएँगे उत्तम परिणाम !

    डिग्री प्रमाण पत्रों के आधार पर योग्य चिकित्सक खोज लेने वाले लोग योग्य ज्योतिषी भी खोज सकते हैं !और चिकित्सकों की फीस देकर उनकी योग्यता का लाभ लेने की तरह ही ज्योतिष विद्वानों की योग्यता का भी लाभ ले सकते हैं !ऐसा करने पर ही चिकित्सकों की तरह ही ज्योतिष शास्त्र का लाभ लिया जा सकता है इसके अलावा ज्योतिष शास्त्र और ज्योतिष विद्वानों की योग्यता का लाभ लेने के लिए कोई और रास्ता नहीं है कुछ लोग ज्योतिष विद्वानों के साथ चतुराई कंजूसी पूर्ण वर्ताव करने लगते हैं उनके साथ मित्रता नाते रिस्तेदारी आदि निकालकर फ्री सेवाओं का लोभ रखते हैं उनके साथ ज्योतिष विद्वान भी वैसा ही वर्ताव करने लगते हैं जिससे ज्योतिषी शास्त्र की विश्वसनीयता पर आँच आने लगती है | 
  ज्योतिष विद्वानों की सम्पूर्ण विद्या का उपयोग करने की इच्छा रखने वाले लोगों को ज्योतिषी के लिए खुद उतने ही बड़े बलिदान के लिए तैयार रहना चाहिए !ताली दोनों हाथों से बजती है मित्रता और रिस्तेदारी बराबर समर्पण में चलती है !अपने काम या धन की बहुत कीमत समझना और ज्योतिषी के योगदान को कम करके आँकना ईमानदार विद्वान ज्योतिषियों की नजर से गिरा देता है !केवल अपनी सुख सुविधाओं के विषय में सोचने वालों को ज्योतिषियों की फीस का सम्पूर्ण भुगतान प्रसन्नता पूर्वक करना चाहिए !कुल मिलाकर अच्छे ज्योतिषियों से ईमानदारी पूर्वक सहयोग की ईच्छा रखने वाले को उनके साथ भी ईमानदार वर्ताव ही  करना चाहिए अन्यथा विद्वान ज्योतिषियों से भी अच्छे और ईमानदार व्यवहार की आशा नहीं की जानी चाहिए !नैतिकता एक तरफ से नहीं हो सकती है । 
    किसी ने धन कमाया तो दूसरे ने ज्योतिष विद्या पढ़ी है यदि धन कमाने वाला ज्योतिषी को भिखारी समझ कर या कंजूसी पूर्वक धन देता है तो उसे ज्योतिषी से भी ऐसी आशा नहीं करनी चाहिए कि वो उसके भविष्यरूपी समुद्र से कोई सफलता रूपी रत्न खोजकर दे देगा !
    ज्योतिषी के पास हम जितनी आस्था लेकर जाते हैं उससे अधिक सफलता हमें मिल ही नहीं सकती है। आप स्वयं सोचिए समुद्र के पास जितना बड़ा बर्तन लेकर हम जाएँगे उससे ज्यादा पानी वो हमें कैसे दे देगा !इसी प्रकार से जितने बॉड का बल्व हम लगाएँगे उतना ही प्रकाश मिलेगा !जो लोग समुद्र का अथाह पानी और बिजली की अपार शक्ति देख कर उस पर यूँ ही अपना अधिकार समझने लगते हैं वे मूर्ख हैं इसी प्रकार से ज्योतिष के अच्छे विद्वानों के पास पहुँचकर भी भाग्यहीन दरिद्र चतुर और कंजूस लोग खाली हाथ लौट आते हैं और उन्हें भी बदनाम करने लगते हैं। 
   धनी व्यक्ति को यदि अपने धन का महत्त्व पता है तो ज्योतिषी को अपनी विद्या का महत्त्व पता है यदि कोई कंजूस अपना कमाया हुआ धन देने में तो संकोच करता है तो अपने प्राणों से अधिक प्यारी विद्या का उपयोग कोई ज्योतिषी उसके लिए क्यों करे !
    ज्योतिष का लाभ लेने की इच्छा रखने वाले को चाहिए कि ज्योतिषी की योग्यता और अपने काम के अनुशार ज्योतिषी को पारिश्रमिक देना ही चाहिए !अन्यथा कुछ चालाकी काम करवाने वाला करता है तो कुछ काम करने वाला परिणाम स्वरूप रिजल्ट जीरो आता है काम अपना बिगड़ता है निंदा शास्त्र की होती है !इसलिए आधी अधूरी श्रद्धा लेकर ज्योतिषवैज्ञानिकों के पास न जाए !
     कंजूस लोग अच्छे ज्योतिषियों तक पहली बात तो पहुँच ही नहीं पाते हैं पहुँच गए तो अधिक दिन तक टिक नहीं पाते हैं और यदि किसी तरह टिक भी गए तो उनकी विद्या का लाभ तो बिलकुल ही नहीं ले पाते हैं !और अंत में ज्योतिष एवं ज्योतिषियों  को बदनाम करते घूमने लगते हैं !इसलिए अच्छे ज्योतिषी ऐसे खतरनाक लोगों से दूर रहना ही पसंद करते हैं !
    जो लोग जगह जमीन खरीदने और बेचने वाले दलालों को तो अधिक धन देते हैं किन्तु ज्योतिष विद्वानों को उससे बहुत कम क्या नाम मात्र भर देते हैं ऐसे लोगों को ज्योतिष विद्वानों से भी न्याय की आशा नहीं रखनी चाहिए !क्योंकि उनके भवन सुख की खोज के लिए विद्वान कुछ कर ही नहीं पाते हैं करें भी आखिर कैसे उनका दिया हुआ धन इतना कम होता है कि उसमें उतना परिश्रम कर पाना संभव भी नहीं होता है जितने की वहाँ जरूरत होती है ।     
    जो लोग किसी ज्योतिष वैज्ञानिक को अपनी डेट आफ बर्थ बताकर और उस पर एहसान जैसा करते हुए उससे अपने भाग्य या विकास के विषय में कुछ पूछना चाहते हैं तो कोई ज्योतिष वैज्ञानिक क्यों बनाएगा उस भाग्यहीन की कुंडली जो मनहूस आदमी केवल अपना ही भला चाहता हो !जो अपनी रोजी रोटी का पता लगाने के लिए दूसरे की रोजी चौपट कर रहा है ऐसे कुंद बुद्धि लोगों को कुछ तो सोचना चाहिए कि ऐसे कोई ज्योतिषी किसी की कुंडली बनाएगा क्यों और भविष्य बताएगा क्यों ?आखिर उसका सब कुछ अच्छा हो जाने से ज्योतिषी का क्या लाभ?उसका अपना लालच क्या है क्यों वो बनावे कुंडली और देखे भी क्यों ?
     एक ईंट भट्ठे के मालिक ने किसी ज्योतिषी को भट्ठा लगाने का मुहूर्त पूछा और 500 रुपए दे दिए उसने भट्ठा लगाया जब ईंटें पकने का समय आया तो पानी बरस  गया सारी ईंटें पिघल गईं अब वह रोते धोते ज्योतिषी के पास पहुँचा और कहने लगा कि आपने कैसा मुहूर्त बताया था हमने तो तीन करोड़ रुपए कर्जा लेकर लगाया था वह सब नष्ट हो गया !तो ज्योतिषी ने उसको पूछा कि यदि नष्ट न हुआ होता तो प्रॉफिट कितना होता तो उसने कहा लगभग पाँच करोड़ मिल जाता सब चला गया आपने मुहूर्त ठीक नहीं बताया !तो ज्योतिषी ने कहा कि मैं बेवकूफ हूँ क्या कि पाँच सौ रूपए में तुम्हें पाँच करोड़ कमवा दूँगा ये पकड़ो अपने पाँच सौ रूपए देकर वापस भेज दिया !
        हमारे कहने का मतलब जब इतना रिस्क था तो प्रॉपर ढंग से चलना चाहिए था संभव है कि वह नुक्सान न होने पाता ! सीधी सही बात यह है कि किसी को बड़ा आदमी बनाने के लिए कोई अपना बलिदान क्यों करे ?आखिर उसे क्या लाभ होगा  !
     जो लोग इस तरह फ्री में बताने का  ड्रामा भी करते हैं वो वास्तव में नग नगीने या जंत्र तंत्र के व्यापारी होते हैं वो बिना ज्योतिष के ही कुछ ऊटपटांग बोलकर नग नगीना यंत्र तंत्र ताबीज आदि खरीदने की सलाह दे देते हैं उसमें उनका मोटा कमीशन  लाभ सम्मिलित होता है !
      इसी प्रकार से टी.वी. चैनलों पर बैठकर ज्योतिष नाम का बकवास करने वाले,या ज्योतिष पढ़ाने  समझाने का नाटक करने वाले लोग या ज्योतिष विद्यालय  चलाने वाले लोग ये वो वर्ग है जो ज्योतिष के नाम पर सौ प्रतिशत अशिक्षित  वर्ग है और 101 प्रतिशत झूठ केवल इस लालच में बोलता है या ये सारे नाटक वो समाज को यह समझाने के लिए करता  है ताकि  लोग उसे भी पढ़ा लिखा समझें और ज्योतिष के ड्रामे का उसे भी लाभ हो !
 

    

No comments:

Post a Comment