भूकंप - हिंदूकुश से भारत तक 9-5-2018 को 16.15 बजे तीव्रता 6.2 'चन्द्रज' भूकंप !

 अफगानिस्तान सीमा पर भूकंप से कांपी दिल्ली-एनसीआर, जम्मू कश्मीर की धरती

     बुधवार 9-5-2018 को दोपहर बाद अफगानिस्तान सीमा के नजदीक ताजिकिस्तान में हुए भूकंप से राजधानी दिल्ली और एनसीआर की धरती कांप उठी। तीव्रता 6.2  अफगानिस्तान की राजधानी काबुल की इमारतें हिल उठी और उसका असर पाकिस्तान के कई शहरों में महसूस किया गया। भूकंप का केन्द्र अफगानिस्तान में हिन्दूकुश की पहाड़ियों में था। पाकिस्तान के  इस्लामाबाद और पेशावर के उत्तर-पश्चिमी शहरों  में भूकंप का असर महसूस किया गया। भारत में पंजाब, हरियाणा और जम्मू कश्मीर में करीब 4 बजकर 15 मिनट पर महसूस किया गया। राजस्थान के कुछ हिस्सों में आज दोपहर बाद भूकंप का हल्का झटका महसूस किया गया। मौसम विभाग के अनुसार दोपहर बाद कुछ सेकंड्स के लिये भूकंप का यह झटका जयपुर और अजमेर में महसूस किया गया।https://www.livehindustan.com/national/story-earthquake-tremors-felt-in-delhi-ncr-1947967.html

इस भूकंप का फल - 
      इस समय भूकंप की सूचना के अनुशार इस क्षेत्र में  अर्थात भारत पाकिस्तान अफगानिस्तान आदि देशों के बीच आपसी एवं वहाँ रहने वाले स्थानीय लोगों के बीच आपस में लम्बे समय से चलते आ रहे संघर्ष  उन्माद आदि को घटाने एवं सद्भाव का वातावरण बनाने के लिए सरकारों के द्वारा इस समय प्रभावी प्रयास किए जाएँगे !जिनमें सफलता मिलने की संभावना विशेष अधिक होगी !यह भूकंप यहाँ रहने वाले लोगों की मानसिकता बदलने का संकेत देता है |स्थानीय लोगों  में इस समय उन्माद की मात्रा कुछ घटेगी ! प्राचीन विज्ञान के हिसाब से चंद्र किरणों के प्रभाव से यह भूकंप प्रकट हुआ है इसलिए  'चन्द्रज' भूकंप होने के कारण इसमें अति वर्षा और बाढ़ बर्फ वारी आदि की घटनाओं से सतर्कता बरती जानी चाहिए ! भूकंप का केंद्र चंद्र से संबंधित है इसलिए जल के संपर्क में अधिक रहने वाले लोग जल जनित बीमारियों के शिकार होंगे !   इन क्षेत्रों में तालाब आदि के संपर्क में रहने वाले लोग नहाने धोने एवं पीने के पानी का भी विशेष सतर्कता से प्रयोग करें!
     कुल मिलाकर पानी के प्रदूषण से प्रदूषित वायु का स्पर्श होने से भी हो सकती हैं उल्टी दस्त एवं ज्वर जैसी अधिक दिनों तक चलने वाली कई बीमारियाँ !सरकार इनसे बचाव के लिए समय रहते यदि सचेत नहीं हो सकी तो उपर्युक्तसमय तक ये बीमारियाँ सरकार के नियंत्रण से बाहर भी जा सकती हैं !इस भूकंप  से नदी के किनारे बसने वाले लोगों की क्षति होगी ।इस भूकंप का विशेष प्रभाव 27-6-2018 तक रहेगा !किंतु जैसे जैसे समय बीतता जाएगा वैसे वैसे भूकंप का प्रभाव घटता जाएगा और भूकंप से सम्बंधित कही गई बातें भी सामान्य होती चली जाएँगी !जलजनित गैसों के प्रकोप से ये भूकम्प आया  है और उन्हीं गैसों के प्रकोप से ज्वर आदि बीमारियाँ अचानक बढ़ती चली जाएँगी !जैसे जैसे समय बीतेगा वैसे वैसे स्थिति सामान्य  होती जाएगी | पुनः  इस भूकंप  से नदी के किनारे बसने वाले लोगों की बहुत बड़ी क्षति होगी । जल जनित बीमारियों से बचने के लिए नदी तालाब आदि के जलों के संपर्क में रहने से अधिक से अधिक बचने का प्रयास करें

1 comment:

  1. हिमाचल के मध्य और निचले पहाड़ी क्षेत्रों में बारिश, ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी
    हिमाचल प्रदेश के मध्य और निचले पहाड़ी क्षेत्रों में बारिश हुई. वहीं राज्य के ऊंचे पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फबारी हुई.
    ख़बर न्यूज़ डेस्क, Updated: 8 मई, 2018 1:45 see more....https://khabar.ndtv.com/news/india/snowfall-in-the-central-and-lower-hills-areas-of-himachal-snowfall-in-the-highlands-1848648

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