भूकंप -गुजरात में 21-4-2018 दिन में 17.00बजे तीव्रता 3.7 का 'चन्द्रज' भूकंप !

यद्यपि ये भूकंप बहुत हल्का है फिर भी इसका फल इस प्रकार है !इस भूकंप का फल -        इस समय भूकंप की सूचना के अनुशार इस क्षेत्र में  लम्बे समय से चलते आ रहे संघर्ष  को घटाने के प्रभावी प्रयास किए जा सकते हैं जिनमें सफलता मिलने की संभावना विशेष अधिक होगी !यहाँ रहने वाले लोगों की मानसिकता बदलने का संकेत देता है यह भूकंप |स्थानीय लोगों  में इस समय उन्माद की मात्रा कुछ घटेगी !      प्राचीन विज्ञान के हिसाब से चंद्र किरणों के प्रभाव से यह भूकंप प्रकट हुआ है 'चन्द्रज' भूकंप होने के कारण इसमें वर्षा और बाढ़ से सतर्कता बरती जानी चाहिए  नदी सरोवरों में जल की वृद्धि होगी नदी सरोवरों के आस पास रहने वाले लोगों में जल जनित बीमारियों का खतरा बहुत अधिक बढ़ जाएगा ! भूकंप का केंद्र चंद्र से संबंधित है इसलिए नेपाल एवं उससे जुड़ी हुई भारत सीमा में पड़ने वाले नदियों तालाबों के किनारे और ऐसे जल के संपर्क में अधिक रहने वाले लोग जल जनित बीमारियों के शिकार होंगे !   इन क्षेत्रों में तालाब आदि के संपर्क में रहने वाले लोग नहाने धोने एवं पीने के पानी का भी विशेष सतर्कता से प्रयोग करें क्योंकि उसका असर विपरीत होने की अधिक संभावनाएँ रहेंगी !     इसी समय तक जलजनित कई बड़ी बीमारियों के शिकार हो सकते हैं यहाँ रहने वाले लोग ! कुल मिलाकर पानी के प्रदूषण से प्रदूषित वायु का स्पर्श होने से भी हो सकती हैं उल्टी दस्त एवं ज्वर जैसी अधिक दिनों तक चलने वाली कई बड़ी बीमारियाँ सरकार इनसे बचाव के लिए समय रहते यदि सचेत नहीं हो सकी तो उपर्युक्तसमय तक ये बीमारियाँ सरकार के नियंत्रण से बाहर भी जा सकती हैं पानी के किनारे रहने वाली जनता इन्हीं बीमारियों से  विशेष परेशान होगी |      इस भूकंप  से नदी के किनारे बसने वाले लोगों की क्षति होगी । जल जनित बीमारियों जैसी बड़ी बाधाएँ निकट भविष्य में अधिक होना संभव हैं।इस भूकंप का विशेष प्रभाव 8-6-2018 तक रहेगा !किंतु जैसे जैसे समय बीतता जाएगा वैसे वैसे भूकंप का प्रभाव घटता जाएगा और भूकंप से सम्बंधित कही गई बातें भी सामान्य होती चली जाएँगी !     इस  क्षेत्र में जलजनित गैसों के प्रकोप से ये भूकम्प आया  है और उन्हीं गैसों के प्रकोप से ज्वर आदि बीमारियाँ अचानक बढ़ती चली जाएँगी !जैसे जैसे समय बीतेगा वैसे वैसे स्थिति सामान्य  होती जाएगी |       पुनः  इस भूकंप  से नदी के किनारे बसने वाले लोगों की बहुत बड़ी क्षति होगी । जल जनित बीमारियों से बचने के लिए नदी तालाब आदि के जलों के संपर्क में रहने से अधिक से अधिक बचने का प्रयास करें

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