इस भूकंप के विषय में क्या कहता है भारत का प्राचीन विज्ञान !जानिए आप भी -

26 -10-2015 को आए भूकंप की शास्त्र वर्णित विशेषताएँ -
किसी भी भूकंप के कारण जन धन की हानि तो होती ही है किंतु भूकंप प्रभाव से होने वाले शकुन अपशकुनों की दृष्टि से यदि देखा जाए  तो ये भूकंप इस क्षेत्र के लोगों में आपसी शांति का कारक होगा  देशों एवं लोगों के बीच आपसी सौमनस्य का निर्माण करेगा और इस सात्विक सोच का असर वर्तमान भारत पाक संबंधों में भी सकारात्मक दिखेगा आपसी संबंध सामान्य बनाने के प्रयास फलीभूत होंगे ! इस भूकंप का फल आगामी 6 महीनों तक रहेगा !इसमें भारत पाक संबंधों को सामान्य बनाने के सफल प्रयास होंगे ।
       प्राचीन विज्ञान के हिसाब से ऐसे भूकंप का केंद्र जल से संबंधित होता है ! जबकि हिंदू कुश के आस पास समुद्र न होने के कारण संभव है कि समुद्र में हुई जलीय हलचलों से निर्मित गैसों का प्रकटीकरण हुआ हो हिंदूकुश जैसे स्थलों पर ! वैसे शास्त्रीय मान्यताओं के हिसाब से तो ये भूकंप जल जनित ही माना गया है । 
    दूसरी बात ऐसे जलीय भूकंपों  में  आफ्टर शॉक्स नहीं आया करते हैं एक बार ही भूकम्प आता है बस !
तीसरी बात ऐसे भूकंपों से समुद्रों और नदियों के किनारे बसने वाले लोगों की बड़ी क्षति होती है जल जनित बीमारियाँ ,अति वृष्टि या सुनामी जैसी बाधाएँ निकट भविष्य में संभव हैं । 
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