बलात्कारियों को बधिया बना भी दिया जाए तब भी पहले तो होगा रेप ,किंतु रेप पहले भी न हो उसके लिए जरूरी सुझाव !
जादू टोना करने वाले, अंध विश्वास फैलाने वाले एवं अशास्त्रीय ज्योतिषफलादेश और उपाय करने करवाने वाले लोगों पर रखी जाए कड़ी निगरानी !ये लोग मनचाहा बशीकरण ,व्यापारिक सफलता आदि का लालच देकर करते करवाते हैं तरह तरह के गुप्त और बड़े अपराध !उन्हें रोकने का भी उपाय सोचा जाए !
भाग्य बताने बदलने के नाम पर देश का एक बड़ा वर्ग भाग्य बदलने की केवल दलाली मात्र कर रहा है !कई लोग तो आर्टिफीशियल भाग्य तक बेच रहे हैं नग नगीनों यंत्र तंत्र ताबीजों के रूप में !कुछ लोग गोलगप्पे खिलाकर कर दे रहे हैं उद्धार !किंतु बंधुओ !बात केवल इतनी ही नहीं है सच्चाई कुछ और होती है जहाँ से इकठ्ठा होता है धन का अम्बार !
ऐसे लोगों का पता लगाने की एक ही प्रक्रिया है कि इनसे पूछा जाए कि तुमने ये विद्या किस विद्यालय या विश्व विद्यालय से पढ़ी है ,किस कक्षा तक पढ़ी है ,उसके कहाँ है डिग्री प्रमाण पत्र !और यदि नहीं हैं तो जब शिक्षा ही नहीं तो उससे संबंधित काम कैसा !फिर भी जो ऐसा करे उसके काम की ईमानदारी पर भरोसा करने की दूसरी प्रक्रिया हो सकती है उसका व्यवहार और अनुभव ! किंतु इससे जज करना न तो आसान है और न ही कानून सम्मत !और न ही सबके बश का है ।
कई फर्जी ज्योतिषियों तांत्रिकों का करोड़ों अरबों का भाग्यव्यापार है ऐसे कई लोग तो विज्ञापनों में फूँक देते हैं एक वर्ष में करोड़ों रुपए, हो सकता है ये राशि इससे भी अधिक हो ! ये धन उन्हें निकालना भी तो इसी भाग्य के धंधे से ही पड़ता होगा !ईमानदारी से इकठ्ठा करना यदि इतना ही आसान होता तो विश्व विद्यालयों के ज्योतिष सब्जेक्ट के रीडर प्रोफेसर होते अब तक अरबों पति !वो पढ़े लिखे विद्वान भी होते हैं । जो ज्योतिष पढ़े लिखे भी न हों फिर भी खेल रहे हैं करोड़ों अरबों में वो भी ज्योतिष और तंत्र के धंधे से आखिर कैसे ?कुछ तो गोलमाल होगा ही !
- मनोविज्ञान का अध्ययन शास्त्रीय दृष्टि से करवाया जाए रेप रोकने में उससे मिल सकती है महत्वपूर्ण सफलता !प्रयासपूर्वक अमल करने से काफी हद तक लग सकती है आपराधिक सोच पर भी लगाम !
- प्यार के नाम पर सार्वजनिक स्थलों पर प्रेमी जोड़ों की असमाजिक गतिविधियाँ रोकी जाएँ !मेट्रो पार्कों पार्किंगों बसों ट्रेनों ऑटोरिक्सों में प्रेमीजोड़ों की लिपटाझपटी चूमा चाटी सहित सभी प्रकार की छेड़खानी रोकी जाए भले वो आपसी सहमति से ही क्यों न हो !ऐसी गतिविधियों पर रखी जाए कड़ी निगरानी ।
- फिल्मी कलाकारों मॉडलों की नक़ल करके यदि आधे चौथाई कपड़े पहने जाने लगे हैं तो फिल्मी बलात्कारों की नकल करके ही बलात्कारी बनने लगे हैं युवा !यदि बलात्कार बंद करना ही है तो ऐसी फिल्में ही क्यों न रोक दी जाएँ !और फिल्मी रहन सहन पहनावा से परहेज किया जाए !फिल्में मनोरंजन हैं इन्हें वहीँ तक सीमित रहने दिया जाए !इन्हें देखकर परम्पराओं और संस्कारों से छेड़ छाड़ ठीक नहीं !
जादू टोना करने वाले, अंध विश्वास फैलाने वाले एवं अशास्त्रीय ज्योतिषफलादेश और उपाय करने करवाने वाले लोगों पर रखी जाए कड़ी निगरानी !ये लोग मनचाहा बशीकरण ,व्यापारिक सफलता आदि का लालच देकर करते करवाते हैं तरह तरह के गुप्त और बड़े अपराध !उन्हें रोकने का भी उपाय सोचा जाए !
भाग्य बताने बदलने के नाम पर देश का एक बड़ा वर्ग भाग्य बदलने की केवल दलाली मात्र कर रहा है !कई लोग तो आर्टिफीशियल भाग्य तक बेच रहे हैं नग नगीनों यंत्र तंत्र ताबीजों के रूप में !कुछ लोग गोलगप्पे खिलाकर कर दे रहे हैं उद्धार !किंतु बंधुओ !बात केवल इतनी ही नहीं है सच्चाई कुछ और होती है जहाँ से इकठ्ठा होता है धन का अम्बार !
ऐसे लोगों का पता लगाने की एक ही प्रक्रिया है कि इनसे पूछा जाए कि तुमने ये विद्या किस विद्यालय या विश्व विद्यालय से पढ़ी है ,किस कक्षा तक पढ़ी है ,उसके कहाँ है डिग्री प्रमाण पत्र !और यदि नहीं हैं तो जब शिक्षा ही नहीं तो उससे संबंधित काम कैसा !फिर भी जो ऐसा करे उसके काम की ईमानदारी पर भरोसा करने की दूसरी प्रक्रिया हो सकती है उसका व्यवहार और अनुभव ! किंतु इससे जज करना न तो आसान है और न ही कानून सम्मत !और न ही सबके बश का है ।
कई फर्जी ज्योतिषियों तांत्रिकों का करोड़ों अरबों का भाग्यव्यापार है ऐसे कई लोग तो विज्ञापनों में फूँक देते हैं एक वर्ष में करोड़ों रुपए, हो सकता है ये राशि इससे भी अधिक हो ! ये धन उन्हें निकालना भी तो इसी भाग्य के धंधे से ही पड़ता होगा !ईमानदारी से इकठ्ठा करना यदि इतना ही आसान होता तो विश्व विद्यालयों के ज्योतिष सब्जेक्ट के रीडर प्रोफेसर होते अब तक अरबों पति !वो पढ़े लिखे विद्वान भी होते हैं । जो ज्योतिष पढ़े लिखे भी न हों फिर भी खेल रहे हैं करोड़ों अरबों में वो भी ज्योतिष और तंत्र के धंधे से आखिर कैसे ?कुछ तो गोलमाल होगा ही !
बंधुओ ! छोटी छोटी बच्चियों से रेप हों या शवों के साथ घटने वाली सेक्स घटनाएँ या सामूहिक बलात्कार ! ऐसे अपराधी सेक्स सुख के लिए ऐसा करते होंगे ऐसा विश्वास करने योग्य नहीं है ! मेरी कुछ अपुष्ट प्रमाणों के आधार पर आशंका है कि झोलाछाप ज्योतिषियों के द्वारा बताए गए अशास्त्रीय उपायों या जादू टोना के नाम पर करवाया जाता है ये सब !आखिर ऐसे ही जादू टोनी उपायों के नाम पर ही तो बच्चों की बलि जैसी दुखद दुर्घटनाएँ भी कई बार सुनने को मिला करती हैं !ये लोग बशीकरण के नाम पर या मंगला मंगली दोष शांति के लिए या कालसर्प जैसे अप्रमाणित बहमों एवं इनके उपायों के नाम पर लक्ष्मी प्राप्ति एवं संतान प्राप्ति के नाम पर तमाम अशास्त्रीय असमाजिक अनैतिक एवं कभी कभी अपराधिक कार्यों को करने के लिए भी प्रेरित करते हैं यद्यपि कानाफूसी के द्वारा ये बातें हम तक पहुँची हैं इसलिए हम इनके प्रूफ प्रस्तुत नहीं कर सकते !किंतु कल्पना की जानी चाहिए कि हो न हो इन बातों में भी सच्चाई ही हो तो कितना गलत है और ऐसी गतिविधियों पर लगाम क्यों न लगाई जाए !
वैसे भी ऐसे कुकृत्य सेक्स सुख पाने के लिए किए जाते होंगे ये बिलकुल अविश्वसनीय सा लगता है, अंध विश्वास फैलाने वाले लोग कोई दोष टालने या मनोकामना पूरी करने के नाम पर करवाते होंगे कुछ ऐसा जैसे विश्वास में लेकर बलि जैसी बातें सुनी जाती हैं । झोलाछाप ज्योतिषियों ,तांत्रिकों या निर्मल बाबा टाईप के स्वयंभू शक्ति मालिकों के द्वारा बताए गए उपायों का शास्त्रों में कहीं कोई प्रमाण नहीं होता है फिर ये लोग ऐसे उपाय बताते किस आधार पर हैं इनसे ये बातें भी तो कठोरता पूर्वक पूछी जानी चाहिए ! आखिर ऐसी निराधार ऊट पटांग की बकवास क्यों करते हैं उपायों के नाम पर ये लोग !ज्योतिष और धर्म के नाम पर की जाने वाली ऐसी बातों के प्रमाण ज्योतिष और धर्म के ग्रंथों में कहीं तो होने चाहिए । कोई तो आधार होना चाहिए !
ऐसे अंध विश्वासी उपायों में तरह तरह के कोयले कंकर हल्दी गुड़ जौं तेल उल्लू कौवा तीतर बटेर मछली मुर्गा मुर्गी जैसी चीजें ही रखने फेंकने उबालने बहाने आदि के लिए बताई जाती हैं जिनके शास्त्रों में कहीं कोई प्रमाण नहीं हैं ये सब कोरा अंधविश्वास है ,चूँकि ये सब कुछ करने से कानूनी अपराध नहीं माने जा रहे हैं तो टीवी चैनलों पर भी बता दी जाती हैं ऐसी बातें किंतु उपायों के नाम पर बताई जाने वाली बलि बलात्कार जैसी बातें अपराध होने के कारण कानाफूसी में ही बताई जाती होंगी !ऐसी परिस्थितियों में इन लोगों पर कानूनी अंकुश क्यों न लगाया जाए ! ऐसे अंध विश्वासों को रोकने के लिए ऐसे लोगों की गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए ऐसे लोगों से साफ साफ क्यों न कहा जाए कि ज्योतिष तंत्र या धर्म के नाम पर आप जो कुछ भी बोलेंगे आवश्यकता पड़ने पर उनके शास्त्रीय प्रमाण आपको देने ही होंगे !
दूसरी बात किसी सरकारी विश्व विद्यालय के ज्योतिष डिपार्टमेंट से ज्योतिषाचार्य (M.A. in Jyotish) या Ph.D.आदि किए हुए लोगों को ही ज्योतिष तंत्र आदि विषयों में प्रैक्टिस करने की अनुमति दी जाए बंद की जाए बाक़ी सारी बकवास !टीवी चैनलों अखवारों समेत सभी विज्ञापन माध्यमों को स्पष्ट निर्देश दिए जाएँ कि ज्योतिष एवं तंत्र के नाम पर जो जिस विषय का विज्ञापन देने के लिए कहे उससे उस सब्जेक्ट सम्बन्धी डिग्री प्रमाण पत्रों की कापी लिए बिना ऐसे किसी भी विज्ञापन को अनुमति न दी जाए !
इससे समाज को भी सम्बंधित विषयों में योग्य लोगों की पहचान करने में सुविधा होगी और अंध विश्वास फैलाने वाले लोगों पर भी लगाम लगाई जा सकेगी !
दूसरी बात किसी सरकारी विश्व विद्यालय के ज्योतिष डिपार्टमेंट से ज्योतिषाचार्य (M.A. in Jyotish) या Ph.D.आदि किए हुए लोगों को ही ज्योतिष तंत्र आदि विषयों में प्रैक्टिस करने की अनुमति दी जाए बंद की जाए बाक़ी सारी बकवास !टीवी चैनलों अखवारों समेत सभी विज्ञापन माध्यमों को स्पष्ट निर्देश दिए जाएँ कि ज्योतिष एवं तंत्र के नाम पर जो जिस विषय का विज्ञापन देने के लिए कहे उससे उस सब्जेक्ट सम्बन्धी डिग्री प्रमाण पत्रों की कापी लिए बिना ऐसे किसी भी विज्ञापन को अनुमति न दी जाए !
इससे समाज को भी सम्बंधित विषयों में योग्य लोगों की पहचान करने में सुविधा होगी और अंध विश्वास फैलाने वाले लोगों पर भी लगाम लगाई जा सकेगी !
बंधुओ ! आज की
तारीख़ में झोला छाप ज्योतिषियों की किसी के प्रति कोई जिम्मेदारी नहीं है और न ही
भविष्य बताने के नाम पर ये किसी का अंकुश मानते हैं किसी के मन में बड़ी बेदर्दी से कितना भी बड़ा बहम
डाल देते हैं उपाय बताने के नाम पर किसी से कुछ भी बक देते हैं ये ! उपायों के नाम पर कैसे
कैसे गंदे काम करने को बोलते हैं ये लोग जिनका शास्त्र में कहीं कोई
वर्णन नहीं होता है !
बंधुओ! इसलिए आशंका होना स्वाभाविक है कि छोटी छोटी बच्चियों से बलात्कारों अथवा कब्र से शवों को निकालकर उसके साथ
सेक्स करने में किसी को कोई
बासनात्मक सुख तो होता नहीं होगा और यदि होता भी हो तो जो सेक्स सुख के लिए ही इतना बड़ा अपराध करेगा तो वो छोटी छोटी बच्ची या शव ही क्यों पकड़ेगा ? जब अपराध ही करना है तो समझौता क्यों ?फिर तो कहीं भी करेगा जहाँ उसे सेक्स सुख मिले !
इसलिए अपराधी सेक्स सुख के लिए ऐसा करते होंगे इस पर
भरोसा नहीं होता है सच्चाई कुछ भी हो ! मुझे काफी हद तक आशंका है कि ये अपनी ऊल
जुलूल कामनाएँ पूरी करने के लिए झोला छाप ज्योतिषियों ,तांत्रिकों के द्वारा बताए गए
उपाय हैं जो लोभी लोग कर रहे होते हैं ।कोई धन पाना चाहता है तो कोई प्रेमी प्रेमिका आदि के बशीकरण जैसा और भी बहुत कुछ तुरंत पा लेना चाहता है !
इस प्रकार से ये झोला छाप लोग ज्योतिष और उपायों के
नाम पर जादू टोना और अपनी पालतू शक्तियों के नाम पर लुक छिप कर बड़ा बड़ा कारोबार चला रहे हैं !इनके षड्यंत्रों
से परिवार टूट रहे हैं समाज बिखर रहा है पति पत्नी के रिश्ते नष्ट हो रहे
हैं और भी बहुत कुछ बुरा हो रहा है साथ ही संस्कार भ्रष्ट हो रहा है समाज !
ये मंगली
दोष मिटाने के लिए विवाह से पूर्व किसी और से शारीरिक सम्बन्ध बनाने के लिए
प्रेरित कर रहे हैं !नपुंसक दोष मिटाने के लिए कम उम्र की बालिका से सेक्स
के लिए प्रेरित करते हैं ये लोग !ऐसा और भी बहुत कुछ है जो हो सकता है कि अपराध की श्रेणी में आता हो उसे कानूनी रूप से रोका जाना चाहिए !
ऐसी परिस्थिति में इनसे समाज को बचाने के लिए बिना पढ़े लिखे
झोलाछाप ज्योतिषियों को तथा फर्जी डिग्री वाले ज्योतिषियों को शक्ति पूर्वक
कानूनी तौर पर प्रतिबंधित किया जाए !साथ ही जो पढ़े लिखे डिग्री होल्डर
वेल एजुकेटेड ज्योतिषी भी हों जिन्होंने किसी सरकारी विश्व विद्यालय के ज्योतिष डिपार्टमेंट से ज्योतिषाचार्य (AM in Jyotish) या Ph.D.आदि किया हो ऐसे लोगों पर भी इतना अंकुश तो लगाया ही जाना चाहिए कि वे समाज के किसी भी व्यक्ति को ज्योतिष के नाम पर या उपायों के नाम पर जो कुछ भी बताएँगे
उसे आवश्यकता पड़ने पर उन्हें ज्योतिष शास्त्र में प्रमाणित ग्रंथों से
प्रमाणित करना होगा अन्यथा की जा सकती है कानूनी कार्यवाही आदि आदि !इससे
ऐसे ऊट पटांग फलादेशों और उपायों पर तुरंत लगाम लग जाएगी !
रेप रोकने के लिए हमारी समझ के अनुशार एक और प्रभावी पथ है जिसकी चर्चा हम किसी अन्य लेख में करेंगे !
निवेदक -
डॉ.शेष नारायण वाजपेयी
संस्थापक -राजेश्वरी प्राच्य विद्या शोध संस्थान
रेप रोकने के लिए हमारी समझ के अनुशार एक और प्रभावी पथ है जिसकी चर्चा हम किसी अन्य लेख में करेंगे !
निवेदक -
डॉ.शेष नारायण वाजपेयी
संस्थापक -राजेश्वरी प्राच्य विद्या शोध संस्थान
इसी विषय में हमारे ये लेख भी -
- फर्जी डिग्री यदि अपराध है तो फर्जी डिग्री वाले ज्योतिषियों पर दया क्यों ?इन पर क्यों नहीं होती है कानूनी कार्यवाही ! ज्योतिष एजूकेशन के बिना बड़े बड़े दावे करने वाले ज्योतिषकर्मी केवल धोखा दे रहे हैं ज्योतिष प्रेमी समाज को !जो विषय उन्होंने पढ़ा ही नहीं उस विषय में किसी को गाइड कैसे कर सकते हैं और जिन्होंने वास्तव में पढ़ा होगा वो उस सरकारी विश्व विद्यालय से ज्योतिष सम्बन्धी डिग्री प्रमाणपत्र क्यों नहीं लेंगे !see more http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/10/blog-post_4.html
- ज्योतिष में भी है भ्रष्टाचार ! इससे बचाव के लिए आप भी बरतें कुछ जरूरी सावधानियाँ - पढ़े लिखे योग्य ज्योतिष वैज्ञानिकों को पहचानने का प्रयास करें ! बंधुओ ! ज्योतिषियों की केवल बातों पर भरोसा न करें !अपने विषय में बड़े बड़ेsee more.... http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/10/blog-post_5.html
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