बंधुओ
!ज्योतिष एक विज्ञान और ज्योतिषी एक वैज्ञानिक है-
इसी भावना से समझना
पड़ेगा ज्योतिषशास्त्र और ज्योतिष वैज्ञानिकों को !आज कुछ लोग जो इसकी
बारीकियाँ और मजबूरियाँ नहीं समझते !वो ज्योतिष जानने पढ़ने लिखने के नाम पर तो जीरो होते हैं किंतु ये बड़ी आसानी से कह देते हैं कि वे ज्योतिष को नहीं मानते या ज्योतिष अंध विश्वास है !इसी
प्रकार से जो लोग जीवन में फ्री का ज्योतिषी खोजने के चक्कर में हमेंशा
बिना पढ़े लिखे फर्जी झोलाछाप लोगों से ज्योतिष सेवा लेने का भ्रम पाले रहते
हैं किन्तु नफा नुक्सान होने पर दोष ज्योतिषशास्त्र का देते हैं अपनी
दरिद्रता या कंजूसी को नहीं !उन्हें पता रहना चाहिए कि वो ज्योतिषी ही नहीं
था जिससे वो काम चला रहे थे !इसीप्रकार कई बार विद्वान ज्योतिषी भी नाते
रिश्तेदारी या सोर्स सिफारिस बल से फ्री सेवा देने के चक्कर में उतना
परिश्रम तो करते नहीं है इसलिए उससे से ज्योतिषसेवा की क्वालिटी प्रभावित
होती है ।ऐसी परिस्थिति में लोग ज्योतिष विद्या और विद्वान की योग्यता पर
प्रश्न
उठाते हैं जो ठीक नहीं हैं ।कोई जितना बड़ा बर्तन लेकर समुद्र के पास जाएगा
समुद्र उतना ही पानी उसे देगा ,वैसे भी जीरो बॉड का बल्ब लगाकर पूर्ण
प्रकाश की अपेक्षा कभी नहीं की जानी चाहिए !इसलिए किसी ज्योतिषवैज्ञानिक
एवं उसकी विद्या के साथ अच्छा व्यवहार करके ही उससे अच्छे व्यवहार की
उम्मीद की
जानी चाहिए !बंधुओ !ज्योतिष
न केवल अत्यंत कठिन विद्या है अपितु आप जो भी प्रश्न करते हैं उसका शास्त्रीय
सही उत्तर खोजने के लिए उन्हें जो आवश्यक परिश्रम करना होता है वो कोई ज्योतिषी आखिर निस्वार्थ होकर क्यों करेगा !
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